Sensex-Nifty Closing Bell: सोमवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 452.44 अंक गिरकर 83,606.46 अंक पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 120.75 अंक गिरकर 25,517.05 अंक पर आ गया।

शेयर मार्केट - फोटो : amarujala.com
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शेयर बाजार में पिछले चार दिनों की तेजी थम गई। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। मजबूत घरेलू संकेतों के अभाव में निवेशकों ने मुनाफावसूली की।
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30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 452.44 अंक या 0.54 प्रतिशत गिरकर 83,606.46 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 84,099.53 के उच्चतम स्तर और 83,482.13 के निम्नतम स्तर के बीच घूमता रहा। वहीं, एनएसई निफ्टी 120.75 अंक या 0.47 प्रतिशत गिरकर 25,517.05 अंक पर बंद हुआ।
व्यापक बाजारों ने किया बेहतर प्रदर्शन
इसके विपरीत, व्यापक बाजारों ने बेहतर प्रदर्शन किया। निफ्टी मिडकैप 100 में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई । जो मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में निवेशकों की निरंतर रुचि को दर्शाता है।
क्या रहा सेंसेक्स कंपनियों का हाल?
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति, बजाज फाइनेंस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील और भारती एयरटेल सबसे ज्यादा नुकसान में रहे। बढ़त वाले शेयरों में ट्रेंट, भारतीय स्टेट बैंक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, टाइटन, बजाज फिनसर्व और आयशर मोटर्स में खरीदारी देखी गई।
सेक्टर-वाइज प्रदर्शन मिला-जुला रहा। पीएसयू बैंकों ने बढ़त हासिल की और निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 2.66 फीसदी की उछाल आई। महाराष्ट्र बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, यूको बैंक, इंडियन बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक जैसे शेयरों में उल्लेखनीय लाभ दर्ज किया गया। आईटी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, फार्मा, हेल्थकेयर, मीडिया और एनर्जी जैसे अन्य सेक्टर भी हरे निशान में बंद हुए। हालांकि, कुछ प्रमुख सेक्टरों में गिरावट देखी गई। निफ्टी ऑटो, बैंक, वित्तीय सेवाएं, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, प्राइवेट बैंक और ऑयल एंड गैस इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई।
वैश्विक धारणा सकारात्मक हुई
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि पश्चिम एशिया में तनाव कम होने और अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की उम्मीद के कारण वैश्विक धारणा सकारात्मक हो रही है। वहीं भारतीय बाजारों में हालिया तेजी के बाद विराम लग गया है। उन्होंने कहा कि निवेशक अब आगामी कॉर्पोरेट आय पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। साथ ही, उपभोक्ता मांग और बेहतर मार्जिन के कारण बेहतर परिणामों की प्रत्याशा में मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में मजबूती दिख रही है।
रुपए में आई 0.21 प्रतिशत की गिरावट
इस बीच, बाजार में उतार-चढ़ाव को मापने वाला इंडिया वीआईएक्स 3.2 प्रतिशत बढ़कर 12.78 पर बंद हुआ। पूंजी बाजार की कमजोरी और हाल ही में रुपए में हुई तेजी के कारण मुनाफावसूली और लंबी अवधि के लिए निकासी को बढ़ावा मिलने से रुपया 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85.70 के आसपास कमजोर होकर कारोबार कर रहा था।
रुपया अस्थिर रहने की संभावना
एलकेपी सिक्योरिटीज के जतीन त्रिवेदी ने कहा कि यह दबाव एक महत्वपूर्ण सप्ताह से पहले आया है, जिसमें प्रमुख अमेरिकी डेटा रिलीज और 90-दिवसीय विस्तारित टैरिफ समय सीमा समाप्त होने वाली है। इससे रुपया 85.35 से 86.00 के बीच अस्थिर रहने की उम्मीद है।
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